खेरगाम: 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर नवसारी जिले के सुरखाई गांव स्थित ज्ञानकिरण ढोड़िया समाज भवन में महिलाओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन और आत्मनिर्भरता के लिए आदिवासी समुदाय को सम्मानित करने के लिए समारोह आयोजित किया गया. जिसमें प्रो. निराल पटेल और इंजीनियर मयूर पटेल की मां कल्पनाबेन पटेल को एक छोटी सी किराना दुकान से करीब 25 साल पहले शुरू किए गए कल्पवंत रेस्टोरेंट तक महिला स्वावलंबन और समाज को आगे बढ़ाने की पहल के लिए उनके सफर के लिए अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. व्यसन मुक्त जीवन व्यतीत करें।
यह उनके बेटों के लिए बहुत गर्व का क्षण था। दिलचस्प बात यह थी कि प्रो. निराल पटेल की मां का नाम कल्पनाबेन था और पुरस्कार प्रदान करनेवाली बहन का नाम भी कल्पनाबेन था, जो बलसार जिले के वापी तहसील में.मामलतदार है। और भी कई बहनें थीं जो विकलांग, विधवा या आर्थिक रूप से लाचार होने के बावजूद आत्मनिर्भरता की मिसाल थीं। दरअसल, उसे देखकर एक पल के लिए दिल भी पसीज गया, वह ऐसी स्थिति से पैर जमाने कैसे आ सकता था? लेकिन जब उनका सनसनीखेज भाषण पेश किया गया तो वाकई ऐसा हुआ कि एक महिला समाज और देश के लिए बहुत कुछ कर सकती है और एक मजबूत समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।
इस कार्यक्रम का आयोजन गुजरात राज्य के समस्त आदिवासी समाज के अध्यक्ष डॉ. प्रदीपभाई गरासिया, नवसारी आदिवासी समाज के अध्यक्ष डॉ.नीरवभाई, डॉ. दिव्यांगीबेन और उनका पूरा स्टाफ, पत्रकार मित्र मनीषभाई उपस्थित रहे थे। आदिवासी महिलाएं द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करने के लिए प्रो. निराल पटेल ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।
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